... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

परमेश्वर के वचन पर प्रश्न उठाना ।

We're glad you like it!

Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.

Register or Login

Add to Favourites

उत्पत्ति 3:1-5 यहोवा परमेश्‍वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था; उसने स्त्री से कहा, “क्या सच है कि परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना’?” 2स्त्री ने सर्प से कहा, “इस वाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं; 3पर जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्‍वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे।” 4तब सर्प ने स्त्री से कहा, “तुम निश्‍चय न मरोगे! 5वरन् परमेश्‍वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्‍वर के तुल्य हो जाओगे।” 

Listen to the radio broadcast of

परमेश्वर के वचन पर प्रश्न उठाना ।


Download audio file

इन दिनों परमेश्वर के वचन पर प्रश्न उठाना बहुत आसान है; अपनी बाइबिल से असुविधाजनक पदों को काट देना, ताकि सब कुछ हमारी सोच से सहमत हो, हमारे इक्कीसवीं सदी के जीवन के लिए आम बात हो गई है।

क्या वास्तव में परमेश्वर को विवाह से बाहर एक जोड़े के एक साथ रहने से कोई समस्या है? निश्चित रूप से आज के समय में नहीं! क्या नरक वास्तव में एक चिरस्थायी पीड़ा है? यह सही नहीं हो सकता! क्या शैतान वास्तव में मौजूद है? छोड़ो भी! ये पुराने जमाने की बातें हैं। 

स्वयं को मसीह के नाम से पुकारने वाले बहुत से लोग आज ऐसा ही सोच रहे हैं। इसी तरह से उनके जीवन में परमेश्वर के वचन की शक्ति क्षीण होती जा रही है। लेकिन इसमें कुछ भी नया नहीं है:

उत्पत्ति 3:1-5 यहोवा परमेश्‍वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था; उसने स्त्री से कहा, “क्या सच है कि परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना’?” 2स्त्री ने सर्प से कहा, “इस वाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं; 3पर जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्‍वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे।” 4तब सर्प ने स्त्री से कहा, “तुम निश्‍चय न मरोगे! 5वरन् परमेश्‍वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्‍वर के तुल्य हो जाओगे।” 

क्या आप देख रहें हैं? शैतान ने आदम और हव्वा को हत्या करने, चोरी करने या झूठ बोलने के लिए प्रलोभित नहीं किया। उसने उन्हें परमेश्वर के वचन पर प्रश्न उठाने का प्रलोभन दिया। यहीं से समस्या शुरू हुई।

और यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए… ।